क्षय रोगी खुलवा सकेंगे 0 बैलेन्स पर अपना खाता ,,


क्षय रोगी मरीजों को बैंक खाते में आ रही परेशानियों पर उठाया गया यह कदम <<निक्षय पोषण योजना>> के अंतर्गत टीबी रोगी को प्रतिमाह मिलते हैं 500 रूपये वर्तमान में जिले में 1434 रोगियों का चल रहा है इलाज़ आधार कार्ड न होने पर भी खुलवा सकते हैं खाता


औरैया,,,,, 30 अगस्त 2019। पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय (टीबी) रोगियों को निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान 500 रुपए प्रतिमाह दिये जाते हैं। यह राशि डीबीटी के माध्यम से दी जाती है। इसके लिए रोगियों का बैंक में खाता होना जरूरी है।


जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ॰ नवीन कुमार मिश्रा का कहना है कि अब जिन ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों के लिए बैंक में खाता खुलवाना मुश्किल है जिसके कारण उनको भुगतान की राशि मिलने में दिक्कत आ सकती है, ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पहल की गई है कि अब क्षय रोगी पोस्ट ऑफिस में भी अपने खाते खुलवा सकते है, जो कि जीरो बैलेन्स पर खुलेंगे।


डॉ॰ मिश्रा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सभी डाक विभागों को निर्देश जारी कर दिए गयें हैं । उन्होंने बताया की जनपद में इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक 1434 क्षय रोगीयों का इलाज चल रहा है और सभी लाभार्तीयों के खातें भी खुले हैं। कोई भी मरीज़ ऐसा नहीं है जिसका खाता न हो, जिनके खाते नहीं थे उनको भी उनके सम्बन्धियों के खाते के साथ जोड़कर लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब से जो भी मरीज़ चिन्हित किये जायेंगे और जिनका खाता नहीं होगा उनके खाते पोस्ट ऑफिस में ज़ीरो बैलेंस पर खोलने की सुविधा दी जायेगी। जिससे सभी लाभार्तीयों को लाभ मिल सके।


 पोस्ट ऑफिस में खाता धारकों को निम्न सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं


- 1- जीरो बैलेन्स खाता की सुविधा, जिसमें न्यूनतम बैलेन्स रखने की अनिवार्यता नही है।


 2- किसी भी लाभार्थी का खाता पोस्ट ऑफिस या उसके घर पर खुलवाने की सुविधा।


3- जिन लाभार्थियों के पास आधार कार्ड नहीं है तो किसी अन्य वैध प्रमाण पत्र पर खाता खुलवाने की सुविधा।


4- लाभार्थी के घर पर खाता खुलवाने, धनराशि जमा, निकालने व स्थानांतरण की सुविधा।


क्या है निक्षय पोषण योजना :


निक्षय पोषण योजना के तहत सरकार टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पौष्टिक आहार के लिए हर माह 500 रुपये देती है। यह सहायता राशि सीधा मरीज के खाते में ट्रांसफर की जाती है।


रिपोर्ट आनंद कुशवाहा / हरगोविंद सिंह सेंगर