करोड़ों खर्च के बाद भी बदहाली के कगार पर राम की पैड़ी


अयोध्या,,,,,अयोध्या सीएम योगी आदित्यनाथ राम नगरी अयोध्या को पर्यटन के क्षेत्र में विश्व के मानचित्र पर स्थापित करने के प्रयास में है तो वहीं उनके ही अधिकारी योगी सरकार के उपलब्धियों पर बट्टा लगाते नजर आ रहे हैं। वर्षों पूर्व सौंदर्यीकरण की राह पर निकली राम की पैड़ी फिर उसी स्थान पर जा पहुंची। यह फिर यह नरक बन गयी है।अयोध्या के राम की पैड़ी को अविरल धारा प्रवाह व सौंदर्यीकरण की योजना मी करोड़ों खर्च होने के बाद भी दयनीय दशा में बनी हुई हैं।


राम नगरी अयोध्या की सरयू तट के किनारे स्थित दीपोत्सव में दुल्हन की तरह दिखने वाली राम की पैड़ी का स्वरूप एक बार फिर बिगड़ गया है । यह नरक बन गयी है। गन्दगी कूड़ा से पट रही है। यह सुख गई है। यहां अब लोग सौच कर रहे हैं।


पूर्व में दीपोत्सव के दौरान आकर्षक रूप में सजने वाली राम की पैड़ी आज अपनी पहचान को लेकर दयनीय स्तिथि पर खड़ी है करोड़ों रुपए खर्च करके राम की पैड़ी का सुंदरीकरण हुआ लेकिन ढाक के तीन पात ,,,,टूटी टाइल्स गंदगी का अंबार जिस जगह पर पंप लगा था उस जगह की स्थिति देखने के बाद लग रहा है कि वहां पर विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया सदियों से इस जगह पर कभी दोबारा राजगीर मिस्त्री नहीं लगे राम की पैड़ी में हुए विकास के कार्यों को आईना दिखा रहा है।


जबकि वर्ष में एक बार दीपोत्सव के दौरान मेकअप राम की पैड़ी को दुल्हन बनाया जाता है बदहाल राम की पैड़ी अपनी में सारी कहानी कहती है लेकिन जिम्मेदार उसका यह करूंण रुद्रन सुनना ही नहीं चाहते केवल राम की पैड़ी के लिए आवंटित हुए धन की बंदरबांट कर रहे हैं इसमें चाहे कार्यदाई संस्था हो या फिर अधिकारी सभी ने खेल मिलजुल के खेले गए हैं। आज राम की पैड़ी के सौंदर्यीकरण जहां से 3 साल पूर्व चली थी वही आज भी खड़ी है 50 करोड़ों से अधिक की लागत लगने के बाद भी आज राम की पैड़ी उपेक्षित और बदहवास है।


रिपोर्ट,,  वासुदेव यादव