मंथन ,,,,,,दिल्ली चुनाव में बीजेपी की हार का जिम्मेदार कौन,,,, पार्टी में मची रार


बनारसी ,,,,, बीजेपी पिछले दिनों हुए चुनाव में दिल्ली बहुत महत्वपूर्ण राज्य जहां करारी शिकस्त मिलने के बाद नेताओं का गुरूर और रणनीति की कमजोर होने का एहसास हुआ विपक्षियों ने तो यहां तक मान लिया कि भाजपा बहुत कमजोर हो रही है और चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह की नीति अब नहीं चलने वाली ,,,,,,


लेकिन दोस्तों याद कीजिए अमित शाह और नरेंद्र मोदी दो ऐसा चेहरा जो भारत के राजनीतिक पटल पर बदलाव ही नहीं बल्कि भूचाल लेकर आए और इतिहास में ऐसा परिवर्तन ऐसी बदलाव जो भारत के लिए कलंक था उसको मिटाने का कार्य भी गौरवपूर्ण किया जब जब सामाजिक और साहसिक बदलाव की बात भविष्य में होगी तो नरेंद्र मोदी का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में याद किया जाएगा


जहां तक दिल्ली की हार की बात है तो नरेंद्र मोदी का कद को दिल्ली की हार से आंकना बेवकूफी ही नहीं बल्कि जाहिलयत का भी उदाहरण होगा क्योंकि नरेंद्र मोदी एक ऐसा नाम है जो समय को मात देकर हार को जीत में बदलने की मारक क्षमता रखता है जिसके अंदर ऊर्जा का संचार दैनिक जीवन में कर्म के रूप में ही हुआ है जो बदलाव पुरुष और भारत के इतिहास में पूर्ण सत्य है !


जहां विपक्षी कहे कांग्रेस तो उसका क्या हश्र हुआ कितना वोट गिरा यह शायद पार्टी के लिए ही नहीं बल्कि राजकुमार के लिए भी गंभीर विषय है लेकिन सूलझे राजनीतिज्ञ की माने तो काग्रेस ने स्वयं समर्पण कर झाड़ू को स्वीकार कर लिया जिससे उसका कैडर वोट भी झाड़ू में तब्दील हो गया दूसरी तरफ मुद्दा शाहीन बाग जिससे ना कभी दिल्ली का चुनाव भाजपा के लिए प्रभावित हुआ नहीं धर्म के लिए कमजोर यह कटु सत्य है कि कट्टरवादी सोच मनुवादी विचारधारा के लोग खुलकर पहचाने गए और जनता ने उनको जबरदस्त सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया,यहां तक कि कन्हैया कुमार जैसा चेहरा जोक बनकर शाहीन बाग मुद्दे के बाद सबके सामने आया और तो और कई जगह जूता और चप्पलों से बौछार कर जनता ने इनका स्वागत भी किया 



बीजेपी की हार का सबसे बड़ा कारण उसके नेतृत्व का चेहरा ना होना दिल्ली में रहा


बीजेपी ने लगातार अपने वादों के तहत जनता के साथ निर्णायक और सक्षम कार्य के साथ वोटों की बढ़त बनाई है दूसरी तरफ दिल्ली चुनाव से देश का मूड नहीं जाना जा सकता !! 


 अमित शाह की रणनीति और मोदी की जुगलबंदी ने देश को बड़े-बड़े उतार-चढ़ाव दिए लेकिन कभी भी देश में असंतुलन का भाव नहीं बना लेकिन शाहिनबाग एक ऐसा प्लांट गेम जो गिरे हुए नेता के द्वारा स्थापित किया गया जहां से भारत माता का भी अपमान हुआ !


आज भी नरेंद्र मोदी विश्व में सबसे ताकतवर नेता के रूप में अपनी जगह बनाए हुए हैं और पार्टी में पद की होड़ और अनभिज्ञ लोगों का गठजोड़ के साथ दलबदलू का स्वागत करना भी बीजेपी के लिए नुकसानदायक साबित हुआ !


केजरीवाल के चुनाव जीतने के बाद तीसरी बार मुख्यमंत्री होना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है लेकिन केजरीवाल का वोटो का ध्रुवीकरण के लिए विषात राजनीति भारत के लिए खतरा भी खड़ा करेगा आने वाले दिनों में जिस तरीके से केजरीवाल ने धार्मिक आड़ में राजनीति की ताल ठोक कर अखाड़े में पटकन देने का कार्य किया है वह बहुत कष्टदायक होगा चुनाव से 5 साल के लिए स्पष्ट सरकार मिलना सुखद है, लेकिन लोगों में जहर घोलकर चुनाव जीतना बहुत दुखद है !


अपनी अपनी समझ के साथ कलम की अपनी एक पहचान होती है लेखक की किसी को क्षति पहुंचाने का कोई उद्देश्य नहीं है लेकिन सच्चाई के साथ स्पष्ट रूप से बात कहने का अधिकार के तहत यह पूरी बात रखी गई है !!


रिपोर्ट कृष्णा पंडित