लखनऊ,,,, जिस तरह से कोरोना वायरस की महामारी देश और दुनिया में तेजी से फैल रही है जिसके कारण दिनों - दिन मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। उसे देखते हुए लखनऊ के कब्रिस्तान ने कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है जिसके तहत अब मुर्दों को दफनाने से पहले फॉर्म भरना होगा, उस फॉर्म में मौत का पूरा ब्यौरा दर्ज किया जायेगा साथ ही पुलिस वेरिफिकेशन और संबंधित अस्पताल से सर्टिफिकेट भी लाना अनिवार्य होगा।
कोरोना महामारी का विकराल रूप देश व दुनिया में तेजी से फैलता जा रहा है लोगो की मरने की संख्या में निरंतर बढ़ते जा रहे है वही तबलीगी जमात से निकले जमातियों से करोना महामारी के संक्रमण का खतरा पूरे देश में मंडरा रहा है। वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी मुसलमान है जो मुस्लिम समुदाय के लोगों की मौत पर गुपचुप तरीके से शवों को दफनाने का कार्य कर रहे है
जिसे देखते हुए राजधानी लखनऊ के कब्रिस्तान ने एक नई पहल की शुरुआत की है राजधानी के माल एवेन्यू स्थित इस्लामिया कब्रिस्तान के ज्वाइंट सेक्रेट्री अशफाक कुरैशी के मुताबिक देश के प्रधानमंत्री द्वारा कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे है ऐसे में हमारे समाज का भी फर्ज है कि हम उनका सहयोग करें।
इसी क्रम में इस्लामिया कब्रिस्तान में जो भी लाश आते है उसे सबसे पहले हम उनसे फॉर्म भरवाते हैं। परिवारीजनों द्वारा लाए गए शवों के साथ फॉर्म में मौत के कारणों का जिक्र करना जरूरी होता है। मौत आखिर किन कारणों से हुई है। इसका ब्यौरा देना होता है। वहीं हाट स्पाट में सील किए गए इलाकों के शवों का पुलिस द्वारा वेरीफिकेशन कराना जरूरी होता है। अगर वह लखनऊ के अन्य स्थान (जिसे हाट स्पाट के रूप मे चिन्हित नहीं किया गया है) का शव आता है तो उन्हें अस्पताल का सर्टिफिकेट लाना अनिवार्य होता है ।
हालांकि अभी तक कब्रिस्तान में कोरोना से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है। अगर ऐसा कोई मामला आता है तो इसकी सूचना लखनऊ पुलिस प्रशासन को तुरंत दी जाएगी। पुलिस द्वारा ही शवों के दफनाने की प्रक्रिया के फैसले पर अमल किया जाएगा।
अशफाक कुरैशी ने बताया कि दफनाते समय हम लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हैं। उसके पश्चात हम लोगों को सैनिटाइज भी करते हैं। उन्होंने लखनऊ में मौजूद अन्य कब्रिस्तानों से भी अपील की है, कि वह कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इन सभी बातों का ध्यान रखें व एहतियात बरतें और सरकार का सहयोग करें।
रिपोर्ट शैलेन्द्र त्रिपाठी