आगरा,,, 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर न्यायालय में चल रहे वाद का फैसला आने के पश्चात शासन ने तीव्र गति से भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वही अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया पर शासन ने कोरोना महामारी के कारण रोक लगा दी है। जिससे शिक्षकों में रोष है कि 69000 भर्ती के स्थानांतरण से पहले होने पर वे स्थानांतरण पश्चात जिले में कनिष्ठ हो जाएंगे।
इसी को लेकर यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) की कार्यसमिति ने मुख्यमंत्री एवं बेसिक शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है। यूटा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार बेसिक शिक्षा परिषद, उ०प्र० द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों की अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया को कोरोना महामारी (कोविड-19) के दृष्टिगत स्थगित कर दिया गया था तथा मा०उच्च न्यायालय प्रयागराज द्वारा 69000 भर्ती के सम्बंध में पारित आदेश के अनुपालन में शासन ने 69000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है ।
उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापकों की सेवा का संवर्ग जिला स्तरीय है, ऐसे में यदि 69000 शिक्षकों की भर्ती, अंतर्जनपदीय स्थानांतरण से पूर्व सम्पादित हो जाती है तो स्थानांतरण का लाभ प्राप्त करने वाले अध्यापक जो कई वर्षों से सेवारत हैं, स्थानांतरित जनपद में 69000 भर्ती में नवनियुक्त शिक्षकों से कनिष्ठ हो जायेंगे, इससे स्थानांतरित अध्यापकों का मनोबल प्रभावित होगा साथ ही लम्बे समय से अपने घर-परिवार से सैकड़ों कि०मी० दूर तैनात अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रतीक्षा कर रहे बेसिक शिक्षकों को भी अपने गृह/नजदीकी जनपद पहुँचाने पर शासन को सहानुभूतिपूर्वक विचार करना होगा जो शिक्षकों एवं उनके परिवार के हित में होगा। जिससे स्थानांतरित शिक्षक पूर्ण मनोयोग से अपने दायित्व का निर्वहन कर सकें ।
यूटा प्रदेश कार्यसमिति ने शासन से अनुरोध किया है कि 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से पूर्व अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया को यथाशीघ्र सम्पादित किया जाए जिससे शिक्षकों का मनोबल बना रहे।