हर समय मोबाइल, टीवी, व कम्पूटर पर देखने से करें परहेज, हो सकते है आँखों में लालपन, चुभन जैसे लक्षण 


आगरा,,,, कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में किये गए लॉक डाउन के चलते हर समय घर में रह रहे हर उम्र के लोग अधिक से अधिक समय मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर/लैपटॉप पर आँख गड़ाये रहते हैं। उनकी यह आदत उनको बीमार बना सकती है, इसलिए जितना जरूरी हो  उतने समय तक ही मोबाइल का इस्तेमाल करें। यही नहीं इनदिनों बच्चों की आन लाइन पढ़ाई भी शुरू हो रही है। इससे सारा जोर आँखों पर पड़ रहा है।


इन दिनों ज्यादातर लोगो का मोबाइल पर फेसबुक व व्हाट्सअप ग्रुप में कई-कई घंटे तक लगे रहते है जिससे आँखों को प्रभावित करते है 


नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष गुप्ता का कहना है कि लाक डाउन के इस दौर में ज्यादातर शिकायतें मिल रहीं हैं कि लोगों की आँखे  लाल हो रही हैं। उनमें चुभन हो रही है। सूखापन, सिर में दर्द, आंख में चिपचिपापन है। आंखों से पानी आने की शिकायतें भी आम हैं। आंखों में तनाव और भारीपन की शिकायतें भी लोग कर रहे हैं।


डा.मनीष ने बताया कि कंप्यूटर या मोबाइल पर काम करें तो पलकों को जल्दी-जल्दी झपकाएं। हर घंटे बाद आँखों को विश्राम दें। दिन में तीन-चार बार आँखों को शीतल जल से धोते रहें। चिकित्सक की सलाह से आई ड्रॉप भी ले सकते हैं । अगर आँखों में लालपन, चुभन, पानी आ रहा है तो ये तीनों लक्षण बैक्टीरियल, वायरल और अलर्जी के हैं।


आंखो से कोरोना का खतरा, चश्मा पहनें


कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा आंखों से भी रहता है। आंखों के माध्यम से भी कोरोना वायरस हमारे शरीर में प्रवेश कर सकता है। खांसने, छींकने आदि के कारण निकलने वाली बूँदें हवा में आ जाती हैं। इन्हीं में कोराना वायरस छिपा होता है। इसीलिए कहा जाता है कि चेहरे को हाथ न लगाएं और बार-बार हाथ धोते रहें। चश्मा पहनकर बाहर निकलेंगे तो एयरोसोल (हवा में तैरते ड्रॉपलेट) के हमले से बचा जा सकता है।


क्या कहते हैं आम जन


लॉकडाउन के दिनों में वर्क फ्रॉम होम चल रहा है.सारा काम घर से ही हो रहा है.आम दिनों की अपेक्षा ज्यादा देर तक मोबाइल स्क्रीन और लेपटॉप देखना पड़ता है. इस कारण आंखों में दर्द और जलन होने लगी है. -धीरज कुमार

लॉकडाउन में इन दिनों परिवार के सभी सदस्य घर पर ही रहते हैं, इसलिए इन दिनों में टीवी भी ज्यादा देर तक देखते हैं, तो आंखों में भी दर्द होता है और रात को नींद भी नहीं आती है. -पूनम