*मीडिया जगत को उपेक्षित व अनदेखा न करें सरकार, "आचार्य श्रीकांत शास्त्री"*


प्रयागराज,,,,  ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने बताया है कि कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण मीडिया जगत को भारी नुकसान पहुंचा है। पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहे अखबार के मालिकानो, पत्रकारो, कर्मचारियों एवं ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले पत्रकारों को जीवकोपार्जन करने में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। तमाम अखबारों के मालिकानो ने अपने कर्मचारियों कों वेतन देने से हाथ खड़े कर दिये हैं


एसोसिएशन के अध्यक्ष "आचार्य श्रीकांत शास्त्री'' ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में टीवी चैनलों और अखबारों से बड़े पैमाने पर पत्रकारों एवं कर्मचारियों की छंटनी की गयी है। जिसके कारण बड़ी संख्या में अखबार बंद हुए हैं। आर्थिक संकट के चलते  छोटे और मध्यम समाचार पत्र नियमित बंद हो रहे हैं। जिसको लेकर बड़े अखबारों ने आर्थिक संकट के कारण अनेक पत्रकारों एवं कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे है।


एसोसिएशन का कहना है कि केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा अखबारों और चैनलों को लगातार उपेक्षित करते हुए अनदेखी की जा रही है जिसकी वजह से मीडिया जगत को बहुत बड़ा झटका लगा है।


आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि सरकार द्वारा कोरोना महामारी के प्रकोप से बचाव के उपायों की जानकारी देने में मीडिया जगत बहुत बड़ी भूमिका निभाई है सरकार की योजनाओ को प्रचार प्रसार में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है फिर भी सरकार मिडिया को उपेक्षा करते हुए अभी तक कोई आर्थिक पैकेट का ऐलान नहीं किया जिसके कारण पत्रकारों एवं अखबारों व इनके कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है


जिसको लेकर ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि,,,, 


(1) देशभर के पत्रकारों के समस्याओं को सरकार तक पहुंचने के लिए एक अलग से वार रूम की स्थापना किया जाए जहां पर देशभर के पत्रकार साथी अपनी समस्या को सरकार तक पहुंचा सके।


(2) लघु, मध्यम, दीर्घ, अखबारों को आर्थिक सहयोग के साथ साथ पत्रकारों एवं इनके जुड़े कर्मचारियों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा किया जाए।


(3) देश भर में हो रहे पत्रकारों के साथ बदसलूकी व इस तरह की अन्य घटनाओं को तुरंत रोका जाए।


(4) देशभर के पत्रकारों के लिए ऑनलाइन मीडिया पास एवं उनके सुरक्षा सुविधा की व्यवस्था की जाए।


(5) महिला पत्रकार व पुरुष पत्रकार जो हॉस्टल या किराए के मकान या पेइंग गेस्ट में रह रहे हैं उनके 3 माह का किराया माफ किया जाए।


(6) पत्रकारों के राशनिंग व्यवस्था मे जोड़ने की व्यवस्था की जाए ताकि जनता को सही सूचनाएं मिलती रहे।


(7) सरकारी स्तर पर पत्रकारों के लिए बीमा योजना की शुरूवात की जाए जिससे किसी हादसे के दौरान उनको व उनके  परिजनों को आर्थिक मद्दत मिल सके  


(8) समाचार संकलन हेतु पारदर्शिता लाने के लिए शासन प्रशासन से सहयोग मिलाना चाहिए सहयोग न देने वाले के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए