अर्णव गोस्वामी ने अपने चैनल में कुछ भी ऐसा नहीं कहा जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार किया जाए – किसी भी व्यक्ति को उसके मूल नाम से बुलाना कोई अपराध नहीं है।
नई दिल्ली ,,,,पत्रकार अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी पर आज मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई हुई जहा पर कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और कहा किसी भी व्यक्ति को उसके मूल नाम से बुलाना कोई अपराध नहीं है।
महाराष्ट्र सरकार ने कपिल सिब्बल को अपना वकील किया था और उन्हें विशेष विमान से दिल्ली से मुंबई बुलाया गया सिर्फ इसलिए ताकि कपिल सिब्बल मुंबई हाई कोर्ट में पैरवी कर सकें... लेकिन मुंबई हाई कोर्ट के जज जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस रियाज छागला ने साफ-साफ कहा यदि मुंबई पुलिस पूछताछ करना चाहती है तब अर्णव गोस्वामी से एक बार और पूछताछ कर सकती है... लेकिन अर्णव गोस्वामी ने अपने चैनल में कुछ भी ऐसा नहीं कहा जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार किया जाए – किसी भी व्यक्ति को उसके मूल नाम से बुलाना कोई अपराध नहीं है।
फिर कपिल सिब्बल ने बांद्रा में एक मस्जिद के सामने जूटी मुस्लिमों की भीड़ का मामला उठाकर कहा कि महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने इस मामले में नागपुर में f.i.r. किया है जिसके लिए अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी जरूरी है...फिर अदालत में अर्णव गोस्वामी के उस दिन की रिकॉर्डिंग वाली सीडी चलाई गयी...
इस दलील को भी जज साहब ने यह कहकर खारिज कर दिया कि विजुअल्स में साफ साफ दिख रहा था कि भीड़ मस्जिद में जुटी थी और उन्होंने कोई ऐसी कोई बात नहीं की जो देश की सांप्रदायिकता के लिए खतरा हो...यदि पुलिस चाहे तब अर्णव गोस्वामी से पूछताछ कर सकती है लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता...अर्णव गोस्वामी के तरफ से हरीश साल्वे दलीलें दिए।
हरीश साल्वे ने अपनी दलील में यह भी कहा कि कोई सोनिया गाँधी को एंटोनियो माइनो के नाम से बुलाए यह उसकी अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है.... एंटोनियो माइनो सोनिया गाँधी का नाम था यह नाम कोई भी अपमानजनक नहीं है – हरीश साल्वे की इस दलील से अदालत भी सहमत रही।।