उत्तर मध्य रेलवे ने न केवल सोशल डिस्टैंसिंग, थर्मल स्कैनिंग, हाथ धोने एवं सभी कार्यस्थलों पर सैनिटाइजेशन प्रोटोकॉल को प्रभावी ढंग से लागू किया बल्कि फेस कवर, सैनिटाइज़र, थर्मल स्कैनर आदि की बड़े पैमाने पर उपलब्धता भी सुनिश्चित की है
प्रयागराज,,,, उत्तर मध्य रेलवे ने सुरक्षित ट्रेन संचालन, मानव संसाधन विकास और अन्य महत्वपूर्ण मोर्चों पर कुशलता से कार्य करते हुए कोविड -19 महामारी से लड़ने के लिए समग्र और सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है। इस बीमारी पर तत्काल प्रक्रिया करते हुये, उत्तर मध्य रेलवे ने महामारी के ख़िलाफ़ आवश्यक बुनियादी ढाँचा तैयार करने, कोविड से बचाव की तकनीकी जानकारी हासिल करने और बदली हुई परिस्थियों को अपनाकर परिचालन, रखरखाव और अन्य गतिविधियों को कुशल तरीके से सम्पादित कर रहा है। कर्मचारियों और कार्यस्थल दोनो को कोविड -19 के लिये तैयार करना पहली और सबसे महत्वपूर्ण चुनौती थी। इसे प्रभावी ढंग से संभालते हुए उत्तर मध्य रेलवे ने न केवल सोशल डिस्टैंसिंग, थर्मल स्कैनिंग, हाथ धोने एवं सभी कार्यस्थलों पर सैनिटाइजेशन प्रोटोकॉल को प्रभावी ढंग से लागू किया बल्कि फेस कवर, सैनिटाइज़र, थर्मल स्कैनर आदि की बड़े पैमाने पर उपलब्धता भी सुनिश्चित की है। दिनांक 08.06.20 तक, उत्तर मध्य रेलवे ने विभिन्न कार्यस्थलों पर 3.2 लाख से अधिक फेस कवर और 30000 लीटर सैनिटाइजर उपलब्ध कराये हैं। इसी क्रम में उत्तर मध्य रेलवे ने चिकित्सा कर्मियों के लिए 1.35 लाख सर्जिकल मास्क और 40000 एन -95 मास्क भी उपलब्ध कराये।
बुनियादी तैयारियों के अतिरिक्त, उत्तर मध्य रेलवे ने प्रयागराज और झांसी रेलवे अस्पतालों में लगभग 613 क्वारंटाइन बेड, 200 की क्षमता वाले आइसोलेशन वार्ड और 130 आइसोलेशन कोच तैयार किये हैं, जिसमें लगभग 2080 कोविड रोगियों का इलाज किया जा सकता है । मुख्यालय एवं मण्डलों में 05 विशेष क्लिनिक भी चलाई जा रही हैं, जिनमें प्रतिदिन लगभग 100 कोविड के लक्षणों वाले रेलवे कर्मचारियों, उनके परिवार के सदस्यों एवं रेलवे चिकित्सा सुविधा के अन्य लाभार्थियों की स्क्रीनिंग की जा रही हैं, अभी तक 7170 व्यक्तियों की स्क्रीन किया जा चुकी है। बुनियादी ढांचे के अलावा, डॉक्टरों और अन्य पैरामेडिक्स स्टाफ हेतु नियमित रूप से प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए गए और उत्तर मध्य रेलवे में अब तक, 402 ऐसे औपचारिक और अनौपचारिक सत्र आयोजित किए गए हैं।
उत्तर मध्य रेलवे द्वारा “कवर आल”, जो कि पी.पी.ई किट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है को, उत्तर रेलवे के जगाधरी वर्कशाप के निर्दिष्ट कपड़े, सीलेंट और तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है। दिनांक 08.06.20 तक उत्तर मध्य रेलवे ने अपने चिकित्सा कर्मियों के लिए कुल 20000 पीपीई किट उपलब्ध कराई हैं, जिसमें लगभग 3200 कवर आल का निर्मण उत्तर मध्य रेलवे द्वारा इन हाउस किया गया है, और 3600 का निर्माण झाँसी कार्यशाला के माध्यम से किया जा रहा है और इस नए लाट के नमूने को स्माल आर्म्स फैक्ट्री कानपुर द्वारा परीक्षण किया गया है, जिसे कवरआल के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार उपयुक्त पाया गया।
कोविड -19 के दौरान श्रमिक और विशेष ट्रेनों को चलाने एवं यात्रियों की सुरक्षा हेतु स्टेशनों और ट्रेनों में ठोस कदम उठाए गए। सोशल डिस्टैंसिंग हेतु मार्किंग, फुट पैडल संचालित नल, अलग – अलग प्रवेश और निकास द्वार का प्रावधान, केवल कंफर्म टिकट पर इंट्री एवं यात्रा और लिनन और पर्दे के गैर प्रावधान, थर्मल स्कैनिंग, बुकिंग के लिए पूर्ण पता विवरण, जागरूकता आदि के लिए मानक व्यवस्था लागू करने के अतिरिक्त, उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज जंक्शन स्टेशन पर एक पायलट परियोजना पर भी काम चल रहा है जिसमें यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्री ही रेलवे स्टेशन में प्रवेश करे और बिना किसी के भौतिक सत्यापन के टिकट सिस्टम में स्वतः अपडेट हो जाए।