भारत को  हिन्दू राष्ट्र’ घोषित किया जाया,, हिन्दू जनजागृति समिति के (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे ने कहा   


लखनऊ,,,, केंद्र में दूसरी बार मोदी सरकार की स्थापना के उपरांत कश्मीरी हिन्दुओं के पुनर्वसन की दृष्टि से धारा 370 रहित करना, नागरिकत्व संशोधन अधिनियम (सीएए), सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राममंदिर के हित में दिए ऐतिहासिक निर्णय, इसके साथ ही 5 अगस्त 2020 को नियोजित राममंदिर के भूमिपूजन जैसी कार्य में सकारात्मक बातें क्यों हो रही हैं। आखिर क्यों ,,,,???


‘सेक्युलर’ पक्षों की सत्तावाले राज्यों में ‘सीएए’ कानून लागू न करने का निर्णय लेना और हिन्दू बहुसंख्यक भारत में पीडित हिन्दुओं को न्याय न मिल पाना, यह मानवता के साथ-साथ लोकतंत्र की भी पराजय है।


ऐसा अनुमान है कि,,,, वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार,,, ‘2061 में भारत जैसे लोकतांत्रित देश में हिन्दू समाज अल्पसंख्यक होंगे, ऐसी स्थिति है। इन सर्व पार्श्‍वभूमि पर हिन्दुओं को उनका न्याय का अधिकार मिलने के लिए भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना चाहिए, इसी मांग को लेकर ‘नवम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र ऑनलाइन अधिवेशन’ का आयोजन किया इसकी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे ने दी। 


आयोजित ऑनलाइन पत्रकार परिषद में सद्गुरु (डॉ.) पिंगळे बोले, ‘‘यह अधिवेशन 30 जुलाई से 2 अगस्त और 6 से 9 अगस्त 2020 की अवधि में सायं 6.30 से 8.30 तक ‘ऑनलाइन’ किया जाएगा। नवम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में देश-विदेश से विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के नेता, कार्यकर्ता, अधिवक्ता, विचारक, संपादक, उद्योगपति आदि भारी संख्या में ‘ऑनलाइन’ सहभागी होने वाले हैं ।’’


अधिवेशन के विषय में अधिक जानकारी देते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे बोले, ‘गत 8 वर्षों से गोवा में हो रहे इन अधिवेशनों को बहुत अच्छा परिणाम मिला; परंतु ‘कोविड-19’ आपत्ति के कारण अब यह अधिवेशन ऑनलाइन करना पड रहा है।


अयोध्या में राममंदिर के भूमिपूजन में कुछ ‘सेक्युलर’वादी संगठन बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं । इसके विपरीत पाकिस्तान में ऐसी स्थिति है कि वहां एक भी मंदिर निर्माण नहीं किया जाता। वहां के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान में मंदिरों के लिए कोई स्थान नहीं है। हिन्दूबहुसंख्यक भारत में मस्जिदों की संख्या बढती ही जा रही है। इसलिए अब तो भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने की नितांत आवश्यकता है। हिन्दू संगठन और संप्रदायों द्वारा राष्ट्रहित और धर्महित के लिए योगदान देना, इसके साथ ही समान कार्य योजना बनाना और हिन्दूहित के प्रस्ताव पारित करना, यह ‘ऑनलाइन’ अधिवेशन का स्वरूप होगा ।’’


इस अवसर पर सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस बोले, ‘‘आगामी आपातकाल की दृष्टि से हिन्दुओं की सहायता करने के लिए हिन्दुत्वनिष्ठों को विविध कौशल विकसित करने पडेंगे। इस सेवाकार्य का प्रशिक्षण देने के लिए 13 से 16 अगस्त की अवधि में ‘हिन्दू राष्ट्र संगठक अधिवेशन’का आयोजन किया गया है ।’’



रमेश शिंदे,,,,,,राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति