महिलाओं ने बनाई गाय के गोबर से जीवाणुनाशक राखियां,, कीमत  मात्र 20 से 35 रुपये 


छत्तीसगढ़/अंबिकापुर,, छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले की महिलाए अनोखी पहल करते हुए गाय की गोबर से जीवाणु नाशक राखी बनाने का कार्य तेजी से कर रही है जिसकी दूर दूर तक चर्चा की जा रही है  


गाय के जीवाणुनाशक गोबर की राखियां भाइयों की कलाइयों पर बंधने के लिए तेजी से तैयार किये जा रहे हैं। इसे बनाने में जुटी महिलाएं 1,500 राखियां बेच चुकी हैं। 10,000 राखियों की मांग पूरा करने में जुटी हुई हैं।


बतादे कि,, वैदिक साहित्य में उल्लेखित गोबर के औषधीय गुणों को समाज में भी स्वीकारा जा चुका है। गाय का गोबर किसी भी पूजन में मुख्य रूप उपयोगी होता है गौरी-गणेश को प्रतिस्थापित करने से लेकर,,,इसका उपयोग घर को शुद्घ करने के लिए लिपाई कार्य में भी किया जाता है। इन्हीं मान्यताओं व प्रमाणों के आधार पर सरगुजा में तैयार गोबर से राखियां हाथों हाथ बिक रहीं हैं। रक्षाबंधन तक 10 हजार राखियां तैयार करनी है ऐसा राखी बनाने वाली महिलाओ का कहना है 


सरगुजा के लुंड्रा विकासखंड के मॉडल गौठान पुरकेला और लमगांव में जागृति, बेंदो, लक्ष्मी और उजाला समूह की महिलाओं ने घर में सहज रूप से उपलब्ध धान, चावल और बांस आदि से राखियों को सजाया है। महिला समूह अब तक 5,500 राखियां बना चुकी हैं, जिसमें से 1,500 राखियां बिक भी चुकी हैं। मांग के अनुसार रक्षाबंधन तक 10 हजार राखियां तैयार करनी है।


गौठान के गोबर और स्थानीय स्तर पर आसानी से उपलब्ध सामग्रियों से तैयार राखियों की कीमत 20 से 35 पये तक है। बच्चों के लिए कार्टून वाली राखियां भी तैयार की जा रही हैं। जिले में समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में  रक्षाबंधन त्यौहार पर लोगों की सुरक्षा को देखते हुए गोबर से राखियां बनाने की शुरुआत की गई है।


सोत्र,, जगतभूमि साप्ताहिक